चांद छुपा बादल में
शर्मा के मेरी जाना
चांद छुपा बादल में
शर्मा के मेरी जाना
सीने से लग जा तू
बलखा के मेरी जाना
गुमसुम सा है
गुपचुप सा है
मदहोश है
खामोश है
ये समान
हां ये सामान कुछ और है
ओह हो हो...
चांद छुपा बादल में
शर्मा के मेरी जाना
सीने से लग जा तू
बलखा के मेरी जाना
नज़दीकियाँ बढ़ जाने दे
अरे नहीं बाबा नहीं
अभी नहीं, नहीं
ये दूरियां मिट जाने दे
अरे नहीं बाबा नहीं
अभी नहीं, नहीं
दूर से ही तुम
जी भर के देखो
तुम ही कहो कैसे
दूर से देखो
चाँद को जैसा दिखता चकोर है
ऐ...गुमसुम सा है
गुपचुप सा है
मदहोश है
खामोश है
ये समान
हां ये सामान कुछ और है
ओह हो हो...
चांद छुपा बादल में
शर्मा के जाने जाना
सीने से लग जा तू
बलखा के मेरी जाना
आजा रे आजा चंदा
कि जब तक तू ना आयेगा
सजना के चेरे को देखे
ये मन तरस जाएगा
ना ना चंदा तू नहीं आना
तू जो आया तो
सनम शर्मा के कहीं चला जाए ना
आजा रे आजा चंदा
तू लाख दुआएं पाएगा
ना ना चंदा तू नहीं आना
वरना सनम चला जाएगा
आंचल में तू चुप जाने दे
अरे नहीं बाबा नहीं
बाबा नहीं, नहीं
जुल्फों में तू खो जाने दो
अरे नहीं बाबा नहीं
अभी नहीं, नहीं
प्यार तो नाम है
सबरा का हमदम
वो हाय भला बोलो
कैसे करे हम
सावन की राह जैसे देखे मोर है
अरे...रहने भी दो
जाने भी दो
अब छोड़ो ना
मूंह मोधो ना
ये समान
हां ये सामान कुछ और है
आया रे आया चंदा
अब हर ख्वाहिश पूरी होगी
चांदनी रात में हर सजनी
अपने सजना को देखेगी
आया रे आया चंदा
अब हर ख्वाहिश पूरी होगी
चांदनी रात में हर सजनी
अपने सजना को देखेगी
आया रे आया चंदा
अब हर ख्वाहिश पूरी होगी
चांदनी रात में हर सजनी
अपने सजना को देखेगी